डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अगर मैं चुनाव जीत गया, तो मैं 1 करोड़ लोगों को अमेरिका से बाहर निकाल दूंगा।”
यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम होगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि पहले कार्यकाल की तुलना में इस बार वह और भी अधिक आक्रामक तरीके से अवैध प्रवासियों को निकालेंगे और उनके अमेरिका में आने से भी रोकेंगे।
ट्रंप का बड़ा बयान प्रोजेक्ट 2025
ट्रंप ने अपने अगले कदमों को ‘प्रोजेक्ट 2025’ नाम दिया है। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह भी सामने आया है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोग किसे वोट देंगे—ट्रंप या कमला हैरिस। गर्भपात और इमीग्रेशन जैसे मुद्दे इस चुनाव में प्रमुख बन गए हैं।
अवैध प्रवासियों का मुद्दा
अमेरिका में दो तरह के प्रवासी होते हैं: कानूनी और अवैध। अवैध प्रवासियों का मसला केवल एक देश या धर्म से नहीं जुड़ा है। भारत में भी अवैध घुसपैठ की राजनीति चलती रही है, जैसे कि महाराष्ट्र, असम, और हाल में झारखंड में। बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें नागरिकों की पहचान भी संदिग्ध हो रही है।
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न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट
हाल ही में न्यूयॉर्क पोस्ट ने लिखा है कि अमेरिका ने पिछले साल अवैध घुसपैठियों पर 50 अरब डॉलर खर्च किए। इस खर्च का बोझ अमेरिकी नागरिकों के टैक्स पर है। सर्वेक्षण के अनुसार, 63% ट्रंप समर्थक मानते हैं कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाना चाहिए।
ट्रंप की भाषा और प्रतिक्रिया
ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को “जानवर” कहकर विवाद खड़ा किया है। उनके समर्थकों में नस्लभेदी और अंध राष्ट्रवादी विचारधारा की झलक दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि अवैध प्रवासियों ने अमेरिका की स्थिति को खराब कर दिया है।
अरबपतियों का हित
कुछ अरबपति चाहते हैं कि अवैध प्रवासी अमेरिका आते रहें ताकि उन्हें सस्ते मजदूर मिलते रहें। यह एक ऐसा मुद्दा है जो अमेरिका की वर्किंग क्लास पर भी असर डालता है।
इलन मस्क का मामला
इलन मस्क भी इस चुनावी माहौल में शामिल हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके खिलाफ इमीग्रेशन की कार्रवाई हो सकती है। मस्क ने ट्रंप का समर्थन किया है और उनके समर्थकों के बीच सक्रिय रहे हैं।
कमला हैरिस की वैकल्पिक नीतियां
वहीं, कमला हैरिस ने कहा है कि वे बॉर्डर सुरक्षा में निवेश बढ़ाएंगी और योग्य प्रवासियों के लिए कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाएंगी। उनके विचार में, अवैध प्रवासियों को वैध बनाने से अमेरिका में प्रवास की प्रक्रिया और पारदर्शी होगी।
क्या अमेरिका में इमीग्रेशन की राजनीति का जहर और बढ़ेगा?
डोनाल्ड ट्रंप का यह आक्रामक रुख न केवल अमेरिका में बल्कि विश्व भर में प्रवासियों के प्रति ध्रुवीकरण बढ़ा सकता है। ऐसे समय में, जब राजनीतिक बहस में नफरत का जहर घुल चुका है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में किस तरह का प्रभाव डालता है।
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