राहुल और प्रियंका गांधी पर गोदी मीडिया का झूठा हमला: सच क्या है?
पिछले दो दिनों से स्पष्ट होता जा रहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खिलाफ गोदी मीडिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किस तरह का टूलकिट चलाते हैं और किस तरह के झूठ फैलाते हैं। इस समय एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रियंका गांधी वाडरा के नामांकन के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे को अंदर नहीं जाने दिया गया, ऐसा दिखाया जा रहा है। जबकि, वास्तविकता में खड़गे जी प्रियंका के नामांकन के दौरान उनके साथ ही मौजूद थे।
यह एक स्पष्ट झूठ है, जिसे भाजपा के नेता बार-बार दोहरा रहे हैं। हमें इस घटनाक्रम पर गहराई से नजर डालनी होगी। आइए, हम इस मुद्दे को और स्पष्ट करते हैं।
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गोदी मीडिया का झूठ
गुणवत्ता और सच्चाई के नाम पर कई मीडिया चैनल्स अब एक दिशा में चल रहे हैं। राहुल गांधी के बारे में झूठे आरोप लगाना और फिर उसे डिबेट में उठाना एक नया ट्रेंड बन गया है। जैसे ही कोई झूठा मुद्दा उठाया जाता है, उस पर भाजपा और कांग्रेस के प्रवक्ताओं को आमंत्रित किया जाता है और उन्हें आमने-सामने लाकर डिबेट करवाया जाता है।
हाल ही में जी न्यूज की डिबेट का एक हिस्सा देखा गया, जहां एंकर ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि उनके पास कोई सही जानकारी नहीं थी। कांग्रेस का प्रवक्ता जब कहता है कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से झूठे हैं, तो एंकर यह नहीं मानते। यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे मीडिया ने अपनी जिम्मेदारियों को भुला दिया है।
प्रियंका गांधी का नामांकन
प्रियंका गांधी वाडरा के नामांकन का वीडियो वायरल किया जा रहा है। भाजपा के नेता गजेंद्र सिंह शेखावत इस वीडियो को पेश कर यह दावा कर रहे हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे को अंदर नहीं जाने दिया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि प्रियंका के नामांकन के समय खड़गे जी उनके साथ बैठे हुए थे। भाजपा का यह झूठ, जैसा कि तस्वीरों में स्पष्ट है, पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।
भाजपा नेताओं के झूठे बयान
भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने इस मुद्दे पर झूठे बयान दिए हैं। राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “देखिए, खड़गे जी को अंदर नहीं जाने दिया गया।” जबकि तस्वीरें स्पष्ट करती हैं कि खड़गे जी ने प्रियंका के नामांकन के समय उनका पूरा समर्थन किया था।
भाजपा के नेताओं का यह दावा पूरी तरह से निराधार है। यह दिखाता है कि किस तरह से भाजपा की सोच राजनीतिक रणनीति के लिए झूठ को बढ़ावा देने की रही है।
मीडिया की भूमिका
मीडिया को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है। उन्हें सच्चाई को सामने लाना चाहिए, लेकिन जब मीडिया के कुछ हिस्से सत्ता के प्रति अपनी वफादारी दिखाने लगते हैं, तब स्थिति चिंताजनक हो जाती है। गोदी मीडिया का यह झूठा प्रचार एक गंभीर समस्या है, जो भारतीय लोकतंत्र को प्रभावित कर सकता है।
विपक्ष की चुनौती
विपक्ष के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है। जब मीडिया एक पक्ष का समर्थन करती है और झूठ फैलाने लगती है, तब विपक्ष को अपनी बात रखने में कठिनाई होती है। यह वह समय है जब विपक्ष को एकजुट होकर इस तरह के झूठे प्रचार का मुकाबला करना होगा।
हम देख सकते हैं कि भाजपा के नेताओं ने कैसे झूठे दावों को फैलाया है। जैसे कि हाल ही में अमित शाह ने कहा था कि “हम किसी भी झूठ को फैला सकते हैं।” यह बयान स्पष्ट करता है कि भाजपा कितनी डंके की चोट पर झूठ फैलाने को तैयार है।
सच क्या है?
सच यह है कि राहुल और प्रियंका गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने का यह खेल एक सुनियोजित रणनीति है। हमें इस पर ध्यान देना होगा और सच्चाई को सामने लाना होगा। गोदी मीडिया के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है ताकि हम सभी मिलकर एक मजबूत और सच्ची पत्रकारिता को बढ़ावा दे सकें।
आज, अधिक से अधिक लोगों को इस झूठ को पहचानने की आवश्यकता है। हमें अपनी आवाज उठानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सच्चाई को कभी दबाया न जाए। इस जंग में हमें एकजुट होकर काम करना होगा और मीडिया की भूमिका को सच्चाई की ओर मोड़ने का प्रयास करना होगा।
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Ezippi Very well presented. Every quote was awesome and thanks for sharing the content. Keep sharing and keep motivating others.