इसराइल के युद्ध अपराध: ब्रिक्स सम्मेलन की सख्त नसीहत मोदी का संदेश
इसराइल लगातार युद्ध अपराध कर रहा है, निर्दोष लोगों पर हमले कर रहा है, और नरसंहार की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में इसराइल से अपील की कि वह “स्टॉप मास किलिंग” का नारा अपनाए। इस सम्मेलन में शामिल देश इसराइल की नीतियों पर सख्त रुख अपना रहे हैं।
इसराइल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, ईरान ए जियोन ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि यदि किसी सैनिक को लगता है कि उसे दिए गए आदेश एक युद्ध अपराध हैं, तो उसे उन आदेशों का पालन नहीं करना चाहिए। उनके इस बयान ने इसराइल में हलचल मचा दी है। यह भी ज्ञात है कि करीब 150 इसराइली सैनिकों ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कहा गया है कि जब तक बंधकों की रिहाई का कोई समझौता नहीं होता, वे हथियार नहीं उठाएंगे।
इसराइल में हालात बेहद गंभीर हैं। ईरान ए जियोन के बयान से स्पष्ट होता है कि वहाँ की सेना में भी असंतोष बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू पर यह आरोप है कि वे युद्ध को आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि भ्रष्टाचार के मामलों से ध्यान भटकाया जा सके। 2019 से उन पर कई केस चल रहे हैं, और अब स्थिति यह है कि लोग देश छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन, और दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हैं। इस सम्मेलन में इसराइल की नीतियों की कड़ी निंदा की गई है। कजन डिक्लेरेशन में कहा गया है कि इसराइल को नरसंहार बंद करना चाहिए। यह भी कहा गया कि सीरिया में इसराइल द्वारा किए गए हमले निंदनीय हैं।
भारत ने हमेशा से स्वतंत्र फलस्तीनी राष्ट्र का समर्थन किया है। मोदी ने स्पष्ट शब्दों में नेतनयाहू को यह सलाह दी है कि नरसंहार बंद करें। पर सवाल यह है कि क्या इसका असर होगा?
नेतनयाहू हाल में एक विक्टिम कार्ड खेलते नजर आ रहे हैं। जब उनके घर पर एक ड्रोन हमला हुआ, तो उन्होंने ईरान पर आरोप लगाया, जबकि उस हमले में ईरान का कोई हाथ नहीं था। इसराइल में अब तक 40,000 लोग मारे जा चुके हैं, और यह संख्या बढ़ने की संभावना है।
गाजा में हालात बदतर होते जा रहे हैं। लोग कंसंट्रेशन कैंप्स में रह रहे हैं, और शरणार्थी शिविरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ईरान ए जियोन की बातों से यह साफ है कि इसराइल को अपने युद्ध अपराधों पर रोक लगानी चाहिए।
ब्रिक्स सम्मेलन ने इसराइल को स्पष्ट संदेश दिया है कि युद्ध खत्म करने का समय आ गया है। अब देखना यह है कि नेतनयाहू इस सख्त चेतावनी को कैसे लेते हैं।
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इसराइल का नरसंहार: क्या ब्रिक्स सम्मेलन का दबाव बदलेगा स्थिति?
इसराइल द्वारा गज़ा में किए जा रहे कथित नरसंहार पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ रही है। ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल देशों ने इसराइल से मास किलिंग्स रोकने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिशा में अपनी आवाज उठाई है। अब सवाल यह है कि क्या ब्रिक्स का यह दबाव इसराइल की नीतियों में परिवर्तन ला सकेगा?
ब्रिक्स सम्मेलन: क्या नरेंद्र मोदी की अपील सुनेंगे नेतन्याहू?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से नरसंहार रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्दोष लोगों की हत्या स्वीकार्य नहीं है। अब देखना यह है कि क्या नेतन्याहू मोदी की इस अपील पर अमल करेंगे या स्थिति जस की तस बनी रहेगी।
युद्ध अपराधों पर ब्रिक्स की कड़ी चेतावनी, क्या होगा आगे?
ब्रिक्स देशों ने इसराइल पर युद्ध अपराधों के आरोप लगाते हुए कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने गज़ा में तेल, दवाएं और पानी की आपूर्ति रोकने को जनसंहार के बराबर बताया है। अब सवाल यह है कि क्या इस चेतावनी के बाद इसराइल अपनी नीतियों में बदलाव लाएगा या अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद स्थिति बनी रहेगी।
इसराइल में असंतोष बढ़ता जा रहा है, क्या सेना करेगी बगावत?
इसराइल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ईरान एज़ियोन ने सैनिकों से अपील की है कि यदि उन्हें दिए गए आदेश युद्ध अपराध लगें, तो वे उन्हें मानने से इंकार कर दें। इससे इसराइल में आंतरिक असंतोष बढ़ रहा है। अब देखना यह है कि क्या सेना में बगावत होगी या सैनिक आदेशों का पालन करते रहेंगे।
बेंजामिन नेतन्याहू का फैसला: क्या वह नरसंहार रोकेंगे?
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद से दबाव बढ़ रहा है। अब ब्रिक्स सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपीलों के बाद सवाल यह है कि क्या वह नरसंहार रोकने का फैसला करेंगे या अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए युद्ध जारी रखेंगे।