चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। उन्होंने जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह ली, जो रविवार को सेवानिवृत्त हुए थे। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल अगले छह महीनों तक रहेगा, यानी 13 मई 2025 तक। वह देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं।
खन्ना का सफर और परिवार
संजीव खन्ना का परिवार कानून से गहरा जुड़ा है। उनके पिता देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे। उनके चाचा एच आर खन्ना सुप्रीम कोर्ट में जज रह चुके हैं। खन्ना खुद तीसरी पीढ़ी के वकील हैं।
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कानूनी परिवार से हैं खन्ना
खन्ना का परिवार कानून से गहरा जुड़ा है:
- पिता देव राज खन्ना: दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे
- चाचा एच आर खन्ना: सुप्रीम कोर्ट में जज थे
- खुद तीसरी पीढ़ी के वकील हैं
नए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना – क्या बदलेगा भारत के न्याय में?
बड़े फैसलों में भूमिका
2019 से सुप्रीम कोर्ट में जज रहे खन्ना ने कई अहम फैसले दिए हैं:
- ईवीएम की विश्वसनीयता पर फैसला
- चुनावी बॉन्ड को रद्द करने का निर्णय
- धारा 370 पर फैसला
- अरविंद केजरीवाल को जमानत देने का निर्णय
नई जिम्मेदारी और कार्यकाल
खन्ना 13 मई 2025 तक चीफ जस्टिस रहेंगे। उन्होंने शपथ ली कि वे:
- संविधान की रक्षा करेंगे
- बिना डर और पक्षपात के काम करेंगे
- देश की एकता बनाए रखेंगे
वेतन और सेवा की जानकारी
चीफ जस्टिस को हर महीने 2.8 लाख रुपये मिलते हैं। सुप्रीम कोर्ट में कुल 33 जज होते हैं, जो 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं।
भविष्य की उम्मीदें
लोगों को खन्ना से बहुत उम्मीदें हैं। उनके छह महीने के कार्यकाल में वे कई महत्वपूर्ण फैसले लेंगे। उनके अनुभव और निष्पक्ष फैसलों की वजह से लोगों का भरोसा न्याय व्यवस्था में और मजबूत होगा।
इस बदलाव से न्याय व्यवस्था में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है। खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट जनता की आशाओं पर खरा उतरेगा, ऐसी उम्मीद है।
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