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विमानों को बम से उड़ाने फ़र्ज़ी धमकियों का कारण? ताजा खबरें!

48 घंटे में 13 विमानों को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी, लेकिन इस बार मामला गंभीर!

Tafseel Ahmad
6 Min Read
48 घंटे में 13 फर्जी बम धमकियां: सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, विमान यात्रियों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं!
Highlights
  • 48 घंटों में भारतीय विमान कंपनियों को मिलीं 13 बम धमकी कॉल्स
  • गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसियों को सतर्क किया
  • अब तक सभी धमकियां फर्जी साबित हुईं
  • एक नाबालिग को गिरफ्तार किया गया, लेकिन धमकियों के पीछे और कौन है?

पिछले 48 घंटों में भारतीय एयरलाइनों के विमानों लगातार 13 धमकियां मिलीं, जिनमें से सभी फर्जी साबित हुई हैं। इन धमकियों ने यात्रियों को तो परेशानी में डाला ही, साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को भी चौकन्ना कर दिया है।

इन धमकियों में भारत की प्रमुख विमान कंपनियां जैसे एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा, स्पाइसजेट, आकासा एयर, और इंडिगो को निशाना बनाया गया। इन कंपनियों की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं। गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल एविएशन मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है।

कैसे मिली धमकियां?

इन धमकियों की शुरुआत 9 अक्टूबर से हुई, जब लंदन से दिल्ली आने वाली विस्तारा फ्लाइट में बम की सूचना दी गई। एक यात्री ने फ्लाइट के शौचालय में एक टिशू पेपर पर लिखा देखा कि जहाज में बम है। इससे फ्लाइट में हड़कंप मच गया, और यात्रियों को करीब 6 घंटे तक एयरपोर्ट पर फंसे रहना पड़ा।

इसके बाद, 15 अक्टूबर को एयर इंडिया की दिल्ली से शिकागो जा रही फ्लाइट को भी बम की सूचना के चलते कनाडा के एक छोटे से एयरपोर्ट पर उतारा गया। इसी दिन, इंडिगो की सऊदी अरब से लखनऊ जा रही फ्लाइट को जयपुर में उतारना पड़ा और अयोध्या से उड़ी एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट का भी रूट मोड़ दिया गया।

बम की धमकियों का असर

इन धमकियों के चलते विमान कंपनियों को न केवल अपनी उड़ानों को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा, बल्कि यात्रियों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ी। विमान को आपातकालीन लैंडिंग करवानी पड़ी, जिसके बाद सघन जांच की गई। हालांकि, अब तक ये सभी धमकियां फर्जी साबित हुई हैं।

लेकिन सवाल यह है कि आखिर इन धमकियों के पीछे कौन है? क्या यह किसी सनकी का काम है या फिर यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है?

गृह मंत्रालय की कार्रवाई

गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल एविएशन मंत्रालय, सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF), ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, साइबर यूनिट को भी सतर्क किया गया है ताकि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर आने वाली धमकियों की निगरानी की जा सके।

धमकी देने वाले पकड़े गए?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से पुलिस ने एक 17 साल के युवक को गिरफ्तार किया है। यह युवक एक कारोबारी का बेटा है और उसने कथित तौर पर फर्जी धमकियां दी थीं। पुलिस ने उसका मोबाइल और कंप्यूटर जब्त कर लिया है, और अब उसकी साइबर जांच की जा रही है। साथ ही, तीन अन्य नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है।

यह युवक मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है और पहले भी एक ट्रेन में बम होने की झूठी सूचना दे चुका है।

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धमकियों की गंभीरता

इन धमकियों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हर बार धमकी आने पर सुरक्षा एजेंसियां तुरंत सक्रिय हो जाती हैं और पूरी जांच की जाती है, भले ही धमकी फर्जी ही क्यों न हो। ऐसी स्थिति में विमान को आपातकालीन रूप से उतारा जाता है, यात्रियों को उतारकर विमान की सघन जांच की जाती है, जिससे न केवल समय बल्कि धन का भी भारी नुकसान होता है।

हाल ही में सिंगापुर में एयर इंडिया एक्सप्रेस की मदुरई से सिंगापुर जा रही फ्लाइट को भी बम की धमकी मिली थी, जिसके बाद सिंगापुर की वायु सेना ने दो लड़ाकू विमानों को भेजा ताकि एयर इंडिया के विमान को सुरक्षित चांगी एयरपोर्ट तक लाया जा सके।

क्या है सजा?

फर्जी धमकी देने वाले को सख्त सजा का प्रावधान है। 2015 के एक कानून के तहत, ऐसे मामलों में 7 से 10 साल तक की जेल हो सकती है और साथ ही 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है। ऐसे अपराध न केवल गंभीर होते हैं, बल्कि इसका असर यात्रियों और विमान कंपनियों पर पड़ता है।

नतीजा क्या हो सकता है?

इन धमकियों के पीछे कोई शरारत कर रहा हो या फिर कोई गंभीर साजिश हो, लेकिन जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। एयरलाइंस ने इस बारे में पूरी गंभीरता दिखाई है और धमकियों की जांच के लिए पूरी सहयोग दे रही हैं।

जो लोग मजाक या शरारत के तहत ऐसी धमकियां दे रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि यह कोई खेल नहीं है। उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

फर्जी धमकियों का आना गंभीर चिंता का विषय है। इन धमकियों से न केवल सुरक्षा एजेंसियों का समय और संसाधन बर्बाद होता है, बल्कि यात्रियों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। सरकार और जांच एजेंसियां इस मामले को हल्के में नहीं ले रही हैं, और जल्द ही इन धमकियों के पीछे छिपे लोगों को पकड़ लिया जाएगा।

Ravish Kumar Official

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