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हिमाचल प्रदेश में एक बस दुर्घटना में 20 लोगों की मौत

Hasan Khan
6 Min Read

हिमाचल प्रदेश में एक बस दुर्घटना शिमला के सिरमौर क्षेत्र में बस खाई में बस गिरने से बोहत बड़ा दुखद हादसा होने से क्षेत्र कोहराम मच गयाबस दुर्घटना में 20 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है


बस हादसे में नौहराधार और बोगधार गांव के 20 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना में 34 यात्री शामिल थे, जो कि बोगधार से नौहराधार जा रही थी।

हिमाचल प्रदेश में एक बस दुर्घटना में 14 लोगों को चोटें आई थीं, जिन्हें नौहराधार, राजगढ़ और सोलन अस्पताल में भर्ती कराया गया।

हिमाचल प्रदेश में एक बस दुर्घटना की जांच हो रही है और इसके पीछे की वजह ढूंढी जा रही है। शिमला में अनगिनत दुर्घटनाओं के बाद, यह जाँचा जा रहा है कि क्या ड्राइवर की लापरवाही थी।

पिछले कई एक्सीडेंट्स ने दिखाया है कि शिमला में ज्यादातर हादसे ड्राइवर की लापरवाही के कारण होते हैं। ड्राइवर शराब पीता है, मोबाइल पर बात करता है या ध्यान भंग कर गाड़ी चलाता है।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि ड्राइवर को बचाव नहीं किया जा सकता है और वे गाड़ी से कूद जाते हैं, लेकिन अक्सर सवारियों को घायल होना पड़ता है। Also Read: राजस्थान BJP नेता का आदेश: सड़कों पर Non-Veg Stalls को बंद करें BREAKING

हिमाचल में सड़कों की खाईयों में बनाई गई सड़कें अत्यंत खतरनाक होती हैं और ड्राइवरों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होती हैं। सिरमौर में पिछले 6 महीनों में 25 सड़क हादसे हो चुके हैं।

हिमाचल प्रदेश में एक बस दुर्घटना के पीछे कई कारण

  1. मार्ग की भौगोलिक स्थिति: शिमला मार्ग पहाड़ी इलाके में है, जो घुमावदार और संकरा है। यहाँ खाई और चट्टानें भी हैं, जिससे अगर कोई वाहन अनियंत्रित हो जाता है, तो दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. वाहन चालकों की लापरवाही: बार-बार वाहन चालक तेज रफ्तार से चलाते हैं और कई बार नशे में भी रहते हैं, जो दुर्घटना का कारण बन सकता है।
  3. यात्रियों की लापरवाही: कई बार यात्री वाहन में सावधानी नहीं बरतते, जिससे वाहन असंतुलित हो सकता है और दुर्घटना हो सकती है।
  4. मौसम की स्थिति: शिमला मार्ग पर मौसम अक्सर अस्थिर होता है। बारिश, बर्फबारी या धुंध के कारण दृश्यता कम हो जाती है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।

शिमला मार्ग पर हादसों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय

  1. मार्ग की उचित मरम्मत और रखरखाव: मार्ग को चौड़ा और सुरक्षित बनाने के लिए उचित मरम्मत की आवश्यकता है।
  2. वाहन चालकों के लिए जागरूकता अभियान: वाहन चालकों को सुरक्षित वाहन चलाने के नियमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
  3. यात्रियों के लिए जागरूकता अभियान: यात्रियों को सुरक्षित तरीके से बैठने और सामान रखने के नियमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
  4. मौसम की स्थिति के अनुसार यातायात नियंत्रण: बारिश, बर्फबारी या धुंध के दौरान यातायात को नियंत्रित किया जाना चाहिए।

शिमला मार्ग पर हादसो को रोकने के लिए क्या कर रही है सरकार

शिमला मार्ग पर हादसों को रोकने के लिए सरकार निम्नलिखित उपाय

  1. मार्ग की उचित मरम्मत और रखरखाव: सरकार शिमला मार्ग की उचित मरम्मत और रखरखाव कर रही है। इसके तहत मार्ग को चौड़ा और सुरक्षित बनाया जा रहा है। खाई और चट्टानों को सुरक्षित किया जा रहा है।
  2. वाहन चालकों के लिए जागरूकता अभियान: सरकार वाहन चालकों के लिए जागरूकता अभियान चला रही है। इसके अंतर्गत वाहन चालकों को सुरक्षित वाहन चलाने के नियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
  3. यात्रियों के लिए जागरूकता अभियान: सरकार यात्रियों के लिए भी जागरूकता अभियान चला रही है। इसके अंतर्गत यात्रियों को वाहन में सुरक्षित तरीके से बैठने और सामान रखने के नियमों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
  4. मौसम की स्थिति के अनुसार यातायात नियंत्रण: सरकार बारिश, बर्फबारी या धुंध के दौरान यातायात को नियंत्रित कर रही है।

इन उपायों के अलावा, सरकार शिमला मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे भी लगा रही है। इससे दुर्घटनाओं को रोकने और दुर्घटना होने पर जल्द से जल्द मदद पहुंचाने में मदद मिलेगी।

सरकार ने शिमला मार्ग पर हादसों को रोकने के लिए एक विशेष योजना भी बनाई है। इस योजना के तहत, मार्ग को चौड़ा किया जाएगा, खाई और चट्टानों को सुरक्षित किया जाएगा, वाहन चालकों और यात्रियों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, और मौसम की स्थिति के अनुसार यातायात नियंत्रण किया जाएगा।

सरकार का मानना है कि इन उपायों से शिमला मार्ग पर हादसों को कम करने में मदद मिलेगी।

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