Die-Hard Fans, यह एक अनोखी कहानी है एक व्यक्ति की, जिसे 2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर ने अपने ड्रेसिंग रूम में बुलाया था और ट्रॉफी सौंपी थी। यह कहानी वही दिखाती है कि कभी-कभी जीवन की सबसे बड़ी खुशियाँ और सबसे बड़े सपने भी कुछ और होते हैं।
यह कहानी है Die-Hard Fans, सुधीर की, जो क्रिकेट के सबसे बड़े श्रेष्ठ खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के वार्षिक मैचों के दीवाने हैं। उन्हें लगता था कि उनका जीवन सचमुच में बेहतरीन है। हर मैच में स्टेडियम में बैठकर उन्होंने जीवन का मजा उठाया, लेकिन असलीता कुछ और था।
Die-Hard Fans, सुधीर का सचिन तेंदुलकर के प्रति बहुत बड़ा भक्ति था। ऐसा लगता था कि कोई भी उनसे बड़ा सचिन के फैन नहीं हो सकता था। लेकिन जिस तरह की जिंदगी सुधीर आज जी रहे थे, उसके लिए उन्होंने 3 नौकरियां भी छोड़ी थीं। Also Read… मोहम्मद शमी Road Accident के बाद नैनीताल में एक व्यक्ति की जान बचाई latest 2023
सबसे पहले, सुधीर ने मुजफ्फरपुर, बिहार की सुधा डेयरी में काम किया था, जहां उन्होंने कलाकंद से लेकर खोया तक सब कुछ बनाने में विशेषज्ञ बन गए थे। उन्होंने वहां की नौकरी छोड़ दी और पैसे इकट्ठे करके पासपोर्ट बनवाया ताकि वे इंडियन टीम के साथ विदेश जा सकें।
उसके बाद, Die-Hard Fans, सुधीर ने शिक्षा मित्र में काम किया। यह नौकरी फुल टाइम नहीं थी, इसलिए उन्हें इंडिया के हर मैच का मौका मिल ही जाता था। परंतु एक दिन, जब उन्हें नौकरी से रिलेटेड एक ट्रेनिंग जानने के लिए बुलाया गया था, तो उन्होंने वो ट्रेनिंग छोड़कर अपनी साइकिल उठाई और पाकिस्तान चले गए।
फिर 2004 में, उन्होंने फिजिकल टेस्ट और प्रिलिमिनरी एग्जाम पास करके इंडियन रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी पाई। पोस्टिंग थी लाल गोंडा, हैदराबाद में। लेकिन जब उन्हें इंटरव्यू का बुलावा आया, तो उन्हें लगा कि दिल्ली में इंडिया-पाकिस्तान का छठा वनडे मैच मिस हो जाएगा। तो उन्होंने इंटरव्यू का लेटर ही फाड़ दिया।
Die-Hard Fans, सुधीर के जीवन में कई ऐसी पल हुए, जब उन्हें अपने प्यारे सचिन से मिलने का मौका मिला। एक बार, सचिन ने उन्हें मैच का पास दिया और उनके साथ खाना खिलाया। एक अन्य बार, सचिन ने उन्हें अपने ग्रेजुएशन एग्जाम के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने वहां जाने की बजाय मैच देखने का फैसला किया और अपनी पढ़ाई का सपना कुर्बान कर दिया।
लेकिन जब भी मैच होता, तो सुधीर को बहुत टेंशन होती थी कि वह मैच देखने के लिए जाए या नहीं। बहुत सी बार उनके परिवार ने उनसे उनकी बहन की शादी में शामिल होने को कहा, पर सुधीर इंडियन टीम के मैचों की वजह से वह उनके साथ नहीं जा पाया।
Die-Hard Fans, सुधीर का घर आज भी बहुत ही जर्जर हालत में है। उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति की चिंता नहीं होती, बल्कि वे सिर्फ़ अपने प्रिय सचिन को खुश देखना चाहते हैं। वे अपने लिए कोई पैसे नहीं मांगते, बल्कि वह उनके लिए प्रोग्राम करते हैं।
2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद एक बार, सुधीर एक ट्रेन से कोलकाता जा रहा था। रास्ते में, टीटी ने उन्हें पकड़ लिया था। जब उन्होंने उनके और सचिन के रिश्तों के बारे में बताया, तब टीटी ने उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद से सुधीर हमेशा टिकट लेकर ही यात्रा करते हैं। Also Read… India World Cup loss पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के आरोप में 7 कश्मीरी छात्रों को UAPA के तहत हिरासत में
भारतीय संस्कृति में प्रशंसा और उत्साह का उच्च मूल्य माना जाता है। लोग अपने पसंदीदा सेलिब्रिटीयों का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं, चाहे वह मैदान पर खेलते समय हो, या पर्दे पर अभिनय करते समय। सच्चे दिल के प्रशंसक अपनी प्रेरणा के स्रोतों के प्रति समर्पण और आभार व्यक्त करते हैं, और इस तरह वे भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं।