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Live Update: उत्तराखंड सुरंग हादसा Says NDMA श्रमिकों को निकालने में 3-4 घंटे लगेंगे Latest

Tafseel Ahmad
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उत्तराखंड सुरंग हादसा


Live Update: उत्तराखंड सुरंग हादसा, हाँ, यह सही है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने कहा है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ढह चुकी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने में 3-4 घंटे लगेंगे।

Contents
उत्तराखंड सुरंग हादसा सुरंग हादसे का विवरणउत्तराखंड सुरंग हादसे के कारणहादसे के बादउत्तराखंड सुरंग हादसा NDMA द्वारा जारी निर्देशउत्तराखंड सुरंग हादसा इन निर्देशों में शामिल हैं:उत्तराखंड सुरंग हादसा में घटना का परिचयसुरंग हादसे के कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:हादसे के बादसुरंग हादसे के प्रभावअक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)1. सुरंग हादसे में फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?2. उत्तराखंड सरकार क्या कदम उठा रही है इस हादसे की जांच के लिए?3. सुरंग हादसे से जुड़ी सुरक्षा संबंधित सलाह क्या है?4. NDMA द्वारा जारी निर्देशों में क्या कहा गया है?5. हादसे के बाद फंसे लोगों की सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तराखंड सुरंग हादसा
उत्तराखंड सुरंग हादसा

उत्तराखंड सुरंग हादसा, NDMA के महानिदेशक अतुल कर्नानी ने कहा कि बचावकर्मियों ने सुरंग के अंदर पहुंचने में सफलता प्राप्त कर ली है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।

कर्नानी ने कहा कि सुरंग के अंदर ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति है और श्रमिकों की स्थिति स्थिर है। उन्होंने कहा कि बचावकर्मी श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उत्तराखंड सुरंग हादसा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान में तेजी लाई जा रही है और श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी बचाव अभियान में सहयोग कर रही है।

बता दें कि 12 नवंबर को एक भूस्खलन के कारण उत्तरकाशी में निर्माणाधीन एक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। इस हादसे में 41 श्रमिक फंस गए थे। Also Read… उत्तराखंड सुरंग हादसा कर्मियों Say सुरंग में फंसे 41 लोग पहुंचने के बहुत करीब Latest Update

उत्तराखंड सुरंग हादसा सुरंग हादसे का विवरण

उत्तराखंड सुरंग हादसा, 12 नवंबर, 2023 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक भूस्खलन के कारण निर्माणाधीन एक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में 41 श्रमिक फंस गए।

सुरंग चार धाम परियोजना के तहत बनाई जा रही थी। यह सुरंग गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच लगभग 10 किलोमीटर लंबी होगी।

हादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ। भूस्खलन के कारण सुरंग का एक हिस्सा लगभग 100 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा ढह गया।

हादसे के बाद तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया। बचावकर्मियों ने सुरंग के अंदर पहुंचने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया।

बचावकर्मियों ने सुरंग के अंदर रहने वाले श्रमिकों से बातचीत भी की। उन्होंने श्रमिकों को बताया कि उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाएगा।

बचाव अभियान के 15वें दिन, 28 नवंबर को बचावकर्मियों ने सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया।

उत्तराखंड सुरंग हादसे के कारण

उत्तराखंड सुरंग हादसा, सुरंग हादसे के कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:

  • भूस्खलन का खतरा: उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। सुरंग के निर्माण के दौरान इस खतरे को ध्यान में नहीं रखा गया।
  • सुरक्षा मानकों का पालन न करना: सुरंग के निर्माण में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। इससे सुरंग की दीवारें कमजोर हो गईं और भूस्खलन के कारण ढह गईं।
  • अनुचित निर्माण: सुरंग का निर्माण अनुचित तरीके से किया गया। इससे भी सुरंग की दीवारों को नुकसान पहुंचा।

हादसे के बाद

उत्तराखंड सुरंग हादसा, सुरंग हादसे के बाद चार धाम परियोजना पर सवाल उठे हैं। कई लोगों का कहना है कि परियोजना को जल्दबाजी में शुरू किया गया और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया।

हादसे के बाद सरकार ने चार धाम परियोजना की समीक्षा करने का आदेश दिया है। सरकार ने परियोजना के लिए नए सुरक्षा मानक भी जारी किए हैं।

सुरंग हादसे से सबक लेकर सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

उत्तराखंड सुरंग हादसा NDMA द्वारा जारी निर्देश

राष्ट्रीय आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने इस हादसे के मामले में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि श्रमिकों को निकालने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं।

उत्तराखंड सुरंग हादसा इन निर्देशों में शामिल हैं:

  • सुरंग निर्माण से पहले भूस्खलन के खतरे का आकलन किया जाना चाहिए।
  • सुरंग निर्माण में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
  • सुरंग के निर्माण की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी की नियुक्ति की जानी चाहिए।
  • सुरंग निर्माण में लगे श्रमिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

इन निर्देशों के अलावा, NDMA ने चार धाम परियोजना की समीक्षा करने का भी आदेश दिया है। परियोजना की समीक्षा में सुरंग निर्माण के लिए निर्धारित सुरक्षा मानकों के अनुपालन का भी आकलन किया जाएगा।

NDMA के इन निर्देशों का पालन करके भविष्य में उत्तराखंड जैसे राज्यों में सुरंग निर्माण के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।

उत्तराखंड सुरंग हादसा में घटना का परिचय

2 नवंबर, 2023 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक भूस्खलन के कारण निर्माणाधीन एक सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में 41 श्रमिक फंस गए।

सुरंग हादसे के कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें शामिल हैं:

  • भूस्खलन का खतरा: उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। सुरंग के निर्माण के दौरान इस खतरे को ध्यान में नहीं रखा गया।
  • सुरक्षा मानकों का पालन न करना: सुरंग के निर्माण में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। इससे सुरंग की दीवारें कमजोर हो गईं और भूस्खलन के कारण ढह गईं।
  • अनुचित निर्माण: सुरंग का निर्माण अनुचित तरीके से किया गया। इससे भी सुरंग की दीवारों को नुकसान पहुंचा।

हादसे के बाद

उत्तराखंड सुरंग हादसा, सुरंग हादसे के बाद चार धाम परियोजना पर सवाल उठे हैं। कई लोगों का कहना है कि परियोजना को जल्दबाजी में शुरू किया गया और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया।

हादसे के बाद सरकार ने चार धाम परियोजना की समीक्षा करने का आदेश दिया है। सरकार ने परियोजना के लिए नए सुरक्षा मानक भी जारी किए हैं।

सुरंग हादसे से सबक लेकर सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

सुरंग हादसे के प्रभाव

सुरंग हादसे के कई प्रभाव पड़े हैं। इनमें शामिल हैं:

  • चार धाम परियोजना पर सवाल उठे हैं।
  • सुरक्षा मानकों के पालन पर जोर दिया गया है।
  • सुरंग निर्माण में लगे श्रमिकों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

सुरंग हादसे से सबक लेकर सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. सुरंग हादसे में फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?

सरकार ने फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए निर्देश जारी किए हैं और सुरंग से उन्हें निकालने के लिए प्रक्रिया को तेजी से चलाया जा रहा है।

2. उत्तराखंड सरकार क्या कदम उठा रही है इस हादसे की जांच के लिए?

उत्तराखंड सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है और सुरंग हादसे के कारणों की जांच कर रही है।

3. सुरंग हादसे से जुड़ी सुरक्षा संबंधित सलाह क्या है?

सुरंग हादसे से जुड़ी सुरक्षा संबंधित सलाह में यह शामिल है कि लोग सुरंग में सुरक्षित ढंग से काम करें और सुरंग की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

4. NDMA द्वारा जारी निर्देशों में क्या कहा गया है?

NDMA ने बताया है कि श्रमिकों को निकालने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं और वे इस प्रक्रिया को सुरक्षित ढंग से चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

5. हादसे के बाद फंसे लोगों की सहायता के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

उत्तराखंड सुरंग हादसा, इस हादसे के बाद, स्थानीय अधिकारियों और संबंधित विभागों ने फंसे लोगों की सहायता के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और उन्हें निकालने की प्रक्रिया को तेजी से चला रहे हैं।

इस आलेख में सुरंग हादसे के बारे में जानकारी दी गई है और यह उम्मीद की जाती है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।

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