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Uttar Kashi Tunnel मै फसे मज़दूरों को 10 दिन बाद सही सलामत ऐसे निकाला बाहर

Hasan Khan
7 Min Read
Say सुरंग में फंसे 41 लोग

Uttar Kashi Tunnel उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर को दिवाली के दिन निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे 41 मजदूरों को 10 दिन बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए सेना और NDRF की टीमों ने लगातार मलबा हटाने का काम किया. मजदूरों की सुरक्षा के लिए सुरंग के अंदर एक अस्थायी अस्पताल भी बनाया गया था.

हादसा 12 नवंबर को हुआ था जब उत्तरकाशी के सिलक्यारा में चार धाम सड़क परियोजना के तहत बनाई जा रही एक सुरंग का 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा ढह गया था. इस हादसे में 41 मजदूर मलबे में दब गए थे.

हादसे के बाद सेना और NDRF की टीमों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया. मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए मलबा हटाने के लिए विभिन्न प्रकार की मशीनों और उपकरणों का इस्तेमाल किया गया. मजदूरों की सुरक्षा के लिए सुरंग के अंदर एक अस्थायी अस्पताल भी बनाया गया था.

10 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार 22 नवंबर को सेना और NDRF की टीमों ने 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. सभी मजदूरों की हालत ठीक है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की और राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि सभी फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

इस हादसे में 41 मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के बाद देशभर में राहत की लहर है. लोग बचावकर्मियों की बहादुरी और मेहनत की सराहना कर रहे हैं.

Uttar Kashi Tunnel ऐसे हुआ था हादसा

Uttar Kashi Tunnel हादसे के परिणामस्वरूप सुरंग के लगभग ३० मीटर का हिस्सा ढह गया।
चार धाम सड़क परियोजना के तहत सुरंग बनाया जा रहा था।


सुरंग, जो सिलक्यारा से नौगांव को जोड़ती है, 4.5 किलोमीटर लंबी है। Also Read: Uttar Kashi Tunnel में हुआ बड़ा हादसा टनल मै फसे 41 मज़दूर की हालत खराब Latest Update

सेना और NDRF की टीमों ने 10 दिन तक सुरंग के ढहने के बाद मलबे में फंसे कर्मचारियों को निकाला।

मलबा निकालने के लिए कई प्रकार की मशीनें और उपकरणों का उपयोग किया गया।

सुरंग के अंदर भी एक अस्थायी अस्पताल बनाया गया था ताकि फंसे हुए कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा दी जा सके।

हादसे में फंसे सभी ४१ कर्मचारियों की हालत ठीक है और वे अस्पताल में भर्ती हैं।

Uttar Kashi Tunnel सुरंग हादसे की जांच

सुरंग हादसे की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी की अध्यक्षता उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे. कमेटी को हादसे की वजहों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया है.

Uttar Kashi Tunnel सुरंग निर्माण की सुरक्षा

सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है. सुरंग के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और तकनीक का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाना चाहिए. इसके अलावा, सुरंग निर्माण के दौरान नियमित रूप से निरीक्षण भी किया जाना चाहिए ताकि किसी भी तरह की खराबी का पता लगाया जा सके.

Uttar Kashi Tunnel दुर्घटना से जुड़ी कुछ अतिरिक्त जानकारी

हादसे के कारण सुरंग गिरने के कई कारण हैं। मुख्य कारण यह था कि सुरंग भारी भूस्खलन की संभावना वाले क्षेत्र में बनाई गई थी। सुरंग बनाने वाली सामग्री और तकनीक में भी कुछ कमियां हो सकती हैं।

हादसे के बाद सुरंग निर्माण में सुरक्षा नियमों का पालन करने पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। उनका दावा था कि ऐसे मामलों का कारण नियमित सुरंग निरीक्षण की कमी है।

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Uttar Kashi Tunnel हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने सुरंगों की सुरक्षा को लेकर नई दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस दिशानिर्देश में

  • हादसे के बाद कई लोगों ने सुरंग निर्माण में सुरक्षा मानकों के पालन को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सुरंग निर्माण के दौरान नियमित रूप से निरीक्षण नहीं किया जाता है, जिससे ऐसी घटनाएं हो जाती हैं.
  • हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने सुरंग निर्माण की सुरक्षा को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन में सुरंग निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों के पालन के लिए कई नए प्रावधान किए गए हैं.

Uttar Kashi Tunnel सुरंग निर्माण की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव

  • सुरंग निर्माण के लिए ऐसे क्षेत्रों का चयन किया जाना चाहिए जहां भूस्खलन की संभावना कम हो.
  • सुरंग निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और तकनीक के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए.
  • सुरंग निर्माण के दौरान नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि किसी भी तरह की खराबी का पता लगाया जा सके.
  • सुरंग निर्माण के लिए प्रशिक्षित और अनुभवी श्रमिकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
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