चलने से बिजली बनाने वाला जूता पश्चिम बंगाल मै रहने वाली एक लड़नी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे सुनके शायद आप भी हैरान हो सकते है ये जूता आपके चलने पर बिजली बनाता जिससे कई तरह के फायदे हो सकते है बढ़ती टेक्नोलॉजी में इस तरहा रिसर्च आने वाले टाइम में काफी मदद गार हो सकते है
पश्चिम बंगाल के चंदननगर की रहने वाली एक 17 वर्षीय छात्रा सौविक सेठ ने एक ऐसा जूता डिजाइन किया है जो चलने से बिजली पैदा करता है। जूते में एक छोटी सी मशीन होती है जो चलने से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को बिजली में बदल देती है। यह बिजली जूते में एक बैटरी को चार्ज कर सकती है, जिसका उपयोग मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। सेठ ने कहा कि वह हमेशा से एक ऐसा जूता बनाना चाहती थी जो लोगों को चलने के दौरान बिजली पैदा करने में मदद करे। वह कहती है कि वह उम्मीद करती है कि यह जूता लोगों को अपने दैनिक जीवन में अधिक ऊर्जा दक्ष होने में मदद करेगा। सेठ ने अभी तक इस जूते को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं कराया है, लेकिन वह इसे जल्द ही बाजार में लाने की योजना बना रही है।
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कौन है ऐसी चलने से बिजली बनाने वाला जूता बनाने वाली ये लड़की
सौविक सेठ, जो बिजली उत्पादित करने वाले चलने से बिजली बनाने वाला जूता का आविष्कार करने वाली लड़की हैं, उनका नाम है। वह पश्चिम बंगाल के चंदननगर में रहती हैं। वह अभी 17 साल की हैं लेकिन उन्होंने एक ऐसा अविष्कार किया है जो दुनिया के लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। Also Read: Adani Group के शेयर्स 20% तक बड़े बाजार में एक ट्रिलियन का इज़ाफ़ा Latest Update 29 Nov
सौविक ने एक जूते का डिजाइन किया है जो चलते समय बिजली उत्पन्न करता है। जूते में छोटी सी यांत्रिकी होती है जो चलते समय उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को बिजली में बदल देती है। यह बिजली जूते में एक बैटरी को चार्ज कर सकती है, जिसका उपयोग मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है।
सौविक ने बताया कि वह हमेशा से एक ऐसी जूते की खोज में थी जो लोगों को चलते समय ऊर्जा प्राप्त करने में मदद कर सके। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह जूता लोगों को अपने दैनिक जीवन में अधिक ऊर्जा दक्ष बनाने में मदद करेगा।
सौविक की इस उपलब्धि के लिए उन्हें कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें भारत सरकार द्वारा “युवा वैज्ञानिक पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया है।
सौविक एक प्रेरणादायक युवा महिला हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और उत्साह से एक ऐसा आविष्कार किया है जो दुनिया के लोगों को फायदा पहुंचा सकता है।
चलने से बिजली बनाने वाला जूता इस जूते से कैसे हो सकते है फायदे
सौविक सेठ की इस उपलब्धि के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें भारत सरकार द्वारा “युवा वैज्ञानिक पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया है।
सौविक सेठ एक प्रेरणादायी युवा महिला हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसा आविष्कार कर दिखाया है जिससे दुनियाभर के लोगों को फायदा हो सकता है।
इस चलने से बिजली बनाने वाला जूता जूते से होने वाले फायदों में शामिल हैं:
- यह लोगों को चलने के दौरान बिजली पैदा करने में मदद कर सकता है। इससे लोगों को अपने दैनिक जीवन में अधिक ऊर्जा दक्ष होने में मदद मिल सकती है।
- यह लोगों को अपने उपकरणों को चार्ज करने में मदद कर सकता है। इससे लोगों को अपने उपकरणों के लिए बिजली की लागत बचाने में मदद मिल सकती है।
- यह लोगों को दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली तक पहुंच प्रदान कर सकता है। इससे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
क्या पहले भी हो चुके है इस तरह के चलने से बिजली बनाने वाला जूता आविष्कार
2010 में, एक कंपनी ने “पावर रनर्स” नामक एक जूता विकसित किया था जो चलते समय बिजली उत्पन्न करता था। इस जूते में एक छोटी सी मशीन थी जो चलने से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को बिजली में बदल देती थी। यह जूता बैटरी को चार्ज कर सकता था, जिससे मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों को चार्ज किया जा सकता था।
2013 में, एक और कंपनी ने “पावर प्लेटफॉर्म” नामक जूता विकसित किया था जो चलते समय बिजली उत्पन्न करता था। इसमें एक बड़ा प्लेटफॉर्म था जो चलने से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को बिजली में बदलता था। यह जूता बैटरी को चार्ज कर सकता था, जिससे मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों को चार्ज किया जा सकता था।
लेकिन, इन आविष्कारों में कुछ सीमाएँ थीं। उदाहरण के लिए, वे बहुत भारी थे और बड़ी दूरी तक चलने पर कम बिजली उत्पन्न करते थे। सौविक सेठ के जूते इन सीमाओं को दूर करने का प्रयास करते हैं। उनके जूते हल्के हैं और अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं।
इस प्रकार, सौविक सेठ के जूते ने इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह एक प्रवृत्ति में सफलता के साथ हुए पहले आविष्कारों में से एक है।
चलने से बिजली बनाने वाला जूता के आविष्कार
वर्ष | कंपनी | जूते का नाम | विशेषताएं |
---|---|---|---|
2010 | PowerSole | Power Runners | एक छोटी सी मशीन जो चलने से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को बिजली में बदल देती है। |
2013 | Vivobarefoot | Power Platform | एक बड़ा प्लेटफॉर्म जो चलने से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को बिजली में बदल देता है। |
2023 | सौविक सेठ | चलने वाला जूता | एक छोटी सी मशीन जो चलने से उत्पन्न होने वाली गतिज ऊर्जा को बिजली में बदल देती है। हल्का वजन, अधिक बिजली उत्पादन। |
- इन आविष्कारों में से प्रत्येक में अपनी सीमाएँ हैं। उदाहरण के लिए, Power Runners बहुत भारी थे और लंबी दूरी तक चलने पर बहुत कम बिजली पैदा करते थे। Power Platform भी भारी थे और बिजली उत्पादन की क्षमता सीमित थी।
- सौविक सेठ का जूता इन सीमाओं को दूर करने की कोशिश करता है। उनके जूते हल्का होते हैं और अधिक बिजली पैदा करते हैं। यह इस क्षेत्र में किए गए पहले सफल आविष्कारों में से एक है।